Aadhaar Number Deactivate: नमस्ते दोस्तों! कल रात जब मैं चाय पीते-पीते फोन पर न्यूज़ स्क्रॉल कर रहा था, अचानक एक खबर देखकर चाय की प्याली हाथ में ही रह गई। लिखा था – “UIDAI ने 2 करोड़ से अधिक मृत लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए!” भाई, दो करोड़!! ये कोई छोटी-मोटी संख्या तो है नहीं। दिमाग में तुरंत सवाल आया – आखिर ऐसा क्यों किया? कहीं हमारा आधार तो सुरक्षित है ना? फिर पूरा आर्टिकल पढ़ा और आज आपके लिए सारी बातें सबसे सरल भाषा में लेकर आया हूँ। चलो, एक-एक करके समझते हैं।
सबसे पहले सवाल – ये हुआ क्यों?
दोस्तों, हमारे देश में कई बार ऐसा होता है कि किसी की मृत्यु हो जाती है, लेकिन उसका आधार नंबर अभी भी “सक्रिय” दिखता रहता है। अब कोई शरारती आदमी उस आधार का गलत इस्तेमाल कर सकता है – बैंक अकाउंट खोलना, सिम कार्ड लेना, लोन लेना या सरकारी योजना का पैसा निकालना। इसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए UIDAI ने बड़ा कदम उठाया है।
2 करोड़ से ज्यादा आधार कैसे पकड़े गए?
UIDAI ने कोई जादू की छड़ी नहीं घुमाई। उन्होंने बहुत मेहनत की:
- रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के पास जो मृत्यु रजिस्ट्रेशन का डेटा है, उससे मिलान किया।
- सभी राज्यों के रजिस्ट्रार कार्यालय, अस्पताल, नगर निगम – सबके रिकॉर्ड चेक किए।
- कई-कई बार क्रॉस वेरिफिकेशन किया, ताकि कोई जिंदा इंसान का आधार गलती से बंद न हो जाए।
मतलब साफ है – ये काम रातों-रात नहीं हुआ, सालों की मेहनत है।
अगर घर में किसी की मृत्यु हो जाए तो हमें क्या करना चाहिए?
बहुत आसान तरीका है भाई! जैसे ही डेथ सर्टिफिकेट मिले, तुरंत myAadhaar पोर्टल पर जाओ। वहाँ “Deceased Aadhaar Deactivation” का ऑप्शन है।
- मृतक का आधार नंबर डालो
- डेथ सर्टिफिकेट की डिटेल भर दो
- सबमिट कर दो
UIDAI खुद वेरिफाई करके आधार को हमेशा के लिए निष्क्रिय कर देगा। इससे किसी के गलत हाथ में जाने का डर ही खत्म!
कहीं हमारा आधार तो गलती से बंद नहीं हो गया ना?
नहीं-नहीं, बिल्कुल टेंशन मत लो। UIDAI ने साफ कहा है – अगर कभी किसी जिंदा व्यक्ति का आधार गलती से डीएक्टिवेट हो गया, तो वो व्यक्ति नजदीकी आधार केंद्र जाकर दोबारा एक्टिवेट करवा सकता है। बस अपना बायोमेट्रिक (उंगली या आँख) देना पड़ेगा। सब सही हो जाएगा।
आखिर फायदा क्या हुआ इस सबका?
- पहचान की चोरी रुकेगी
- बेनामी बैंक अकाउंट, फर्जी सिम कार्ड नहीं बन पाएँगे
- सरकारी योजनाओं का पैसा सही व्यक्ति तक पहुँचेगा
- डिजिटल इंडिया और ज्यादा सुरक्षित हो गया
दोस्तों, सच कहूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि हमारा सिस्टम इतना सजग हो रहा है। पहले जहाँ लोग मरने के सालों बाद भी वोट डाल जाते थे (हँसते-हँसते), अब वो दिन लद गए।
छोटा सा निष्कर्ष
UIDAI का ये कदम वाकई तारीफ के काबिल है। 2 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर डीएक्टिवेट करके उन्होंने साबित कर दिया कि डेटा की सफाई और देश की सुरक्षा दोनों उनके लिए जरूरी हैं। हमारा भी फर्ज बनता है कि घर में किसी की मृत्यु होने पर तुरंत myAadhaar पोर्टल पर जाकर प्रक्रिया पूरी करें। एक छोटा सा काम, लेकिन देश को बहुत बड़ा फायदा।
आपको ये जानकारी कैसी लगी? क्या आपके परिवार में भी किसी ने ये प्रक्रिया की है? कमेंट करके जरूर बताना। और हाँ, इस पोस्ट को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर देना, ताकि सबको पता चले।